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Chandigarh Teacher Dress Code : चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में अब बिना ड्रेस कोड के शिक्षको को प्रवेश नहीं दिया जाएगा

Chandigarh Teacher Dress Code : चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में अब बिना ड्रेस कोड के शिक्षको को प्रवेश नहीं दिया जाएगा

Teacher Dress Code: चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले टीचरों को अब ड्रेस कोड के साथ में ही स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने का बड़ा फैसला लिया है अब शिक्षकों को भी बच्चों की तरह समान ड्रेस कोड के साथ स्कूल में आना होगा। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि स्कूल के वातावरण में समानता और अनुशासन को बढ़ावा मिलेगा व शिक्षकों के व्यवहार को भी बेहतर बनाया जा सकेगा।

ड्रेस कोड लागू करने वाला चंडीगढ़ पहला शहर बना

चंडीगढ़ देश का पहला शहर या केंद्र शासित प्रदेश है जिसने सरकारी स्कूलों में बच्चों की तरह शिक्षकों के लिए भी समान ड्रेस कोड को लागू किया है। इसकी शुरुआत पीएम श्री गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, धनास से की गई है। चंडीगढ़ के गवर्नर कम एडमिनिस्ट्रेटर गुलाबचंद कटारिया ने इस कदम की बड़ी सराहना करते हुए कहा कि सम्मान ड्रेस कोड कर्मचारियों के बीच समानता और पेशेवर गर्व को बढ़ावा देता है। यह एक बहुत ही अच्छी पहल है जिससे बच्चों को भी बढ़ावा मिलेगा।

महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड रहेगा

शिक्षा विभाग द्वारा महिला शिक्षकों के लिए साड़ी व सलवार पहनना अनिवार्य है वहीं पुरुष शिक्षकों के लिए फॉर्मल शर्ट और ट्राउजर अनिवार्य किया गया है। समान ड्रेस कोड लागू करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि इससे शिक्षकों की भी एक समान उपस्थित होगी और व्यवसायिकता की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा।

कब से लागू होगा ड्रेस कोड

चंडीगढ़ के पीएम श्री गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, धनास से इस पहल की शुरुआत की गई है। शिक्षा विभाग के इस कदम का लक्ष्य है कि 2025 की गर्मी की छुट्टियों के बाद से चंडीगढ़ की सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की समान ड्रेस कोड में ही उपस्थित हो इससे सरकारी शिक्षा व्यवस्था में एक नया अनुशासन और पेशेवर दृष्टिकोण को स्थापित करने में भी मदद मिलेगी।

ड्रेस को लागू करने का उद्देश्य

शिक्षा विभाग का मानना है कि सम्मान ड्रेस कोड लागू करने से शिक्षकों के बीच टीम भावना व मनोबल को भी मजबूती मिलेगी और साथ में ही छात्रों के सामने एक सकारात्मक की भावना उत्पन्न होगी जिससे वे भी अनुशासन और व्यवसायिकता को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।

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