Rajasthan Student : क्यों हुए छात्रसंघ चुनाव रद्द ? रद्द होने पर क्या बोले छात्र नेता
हाल ही में आए राज्य सरकार के आदेश अनुसार 2023-24 के छात्र संघ चुनाव को रद्द कर दिया गया है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा छात्र संघ चुनाव रद्द करने की घोषणा की गई यह घोषणा हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक गहलोत जी के द्वारा प्रेस मीडिया के माध्यम से की गई प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने इस वार्ता के दौरान बताया कि छात्र संघ चुनाव में छात्र नेता एक एमपी और एक एमएलए से भी ज्यादा रुपए खर्च कर देते हैं जोकि छात्रों के लिए अनुकूल स्थिति नहीं है और छात्र नेता चुनाव जीतने के लिए पैसा लगाने में हदें भी पार कर देते हैं |
चाहे इसके लिए उनको कुछ भी कदम उठाना पड़े वह उठाने को तत्पर रहते हैं इसी को मत देना नजर रखते हुए मुख्यमंत्री जी ने छात्र संघ चुनाव रद्द करने की घोषणा की थी इस घोषणा में यह भी बताया गया की छात्र संघ चुनाव को केवल इसी वर्ष के लिए रद्द किया गया है आगे अगर स्थिति अनुकूल रहेगी तो छात्रसंघ चुनाव पहले की तरह जारी रहेंगे इसी बीच छात्रों से इस बारे में वार्ता की गई तो उन्होंने बताया की राज्य की सरकार छात्रों से डर गई है |
आने वाले विधानसभा चुनाव में कहीं छात्र नेता उनकी गद्दी को हिलाना दें इसी वजह से उन्होंने छात्र संघ चुनाव को रद्द किया है कोई भी छात्र नेता इस फैसले के पक्ष में नहीं है चाहे वह एबीवीपी से हो चाहे वह एनएसयूआई से हो और चाहे अन्य किसी दल से हो कोई भी छात्र नेता यह नहीं चाहता की छात्र संघ चुनाव रद्द किए जाएं परंतु राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर दिया है |
इसी बीच यह सवाल जब राजगढ़ के दबंग छात्र नेता सत्य प्रकाश सैनी से किया गया तो उन्होंने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया उन्होंने कहा कि वह लगातार 1 साल से छात्रों के बीच जा रहे हैं और छात्रों के बीच छात्र हितों के लिए निरंतर संघर्ष और लड़ाई लड़ रहे हैं जब उन्हें सरकार की इस फैसले के बारे में पता लगा तो उन्हें निराशा हाथ लगी और उन्होंने प्रेस मीडिया को बताया |
कि वह सरकार के इस फैसले का निरंतर विरोध करते हैं और आगे भी करते रहेंगे सत्य प्रकाश सैनी जोकि चूरु जिले के राजगढ़ तहसील में बहु प्रचलित मोहता पीजी कॉलेज के छात्र नेता है उन्होंने भी सरकार के इस फैसले का बहुत ही कड़ी निंदा के साथ विरोध किया है
इस वर्ष के लिए छात्र सिंह चुनाव को रद्द कर दिया है इसी बीच जय नारायण विश्वविद्यालय के छात्र प्रतिनिधि एबीवीपी से मोती सिंह जोधा से इस बारे में जब बात की गई तो उन्होंने बताया की निरंतर एनएसयूआई की जय नारायण विश्वविद्यालय से हर को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने छात्र संघ चुनाव को रद्द कर दिया परंतु ऐसा नहीं है |
छात्र संघ चुनाव को खर्च और अनियमित स्थिति ना पैदा हो इन्हीं कारणों को देखते हुए इसे रद्द किया गया है अगर आगे भी यही स्थिति बनी रही तो हो सकता है कि छात्रसंघ चुनाव कभी भी ना हो परंतु छात्र अगर खर्च को कम करके और किसी भी प्रकार की अनियमितता ने फैलाई हुए चुनाव लड़ेंगे तो यह चुनाव आगे के वर्षों में निरंतर जारी रहेंगे ऐसा हमारे मुख्यमंत्री जी ने सुझाया है |
और राजस्थान विश्वविद्यालय के निवर्तमान अध्यक्ष निर्मल चौधरी से जब इस बारे में वार्ता की गई तो उन्होंने भी मुख्यमंत्री जी का पक्ष ना लेते हुए इस फैसले को गलत बताया क्योंकि छात्रसंघ चुनाव ही छात्र नेताओं का भविष्य तय करते हैं | वह आगे जाकर के देश की राजनीति में क्या-क्या कीर्तिमान हासिल करेंगे अगर इतनी चुनाव को रद्द कर दिया गया तो फिर एक छात्र नेता अपने आप को जनता के सामने कैसे पेश कर पाएगा क्योंकि छात्र नेताओं के सामने आने का यही एकमात्र जरिया है |
और अगर इस तरह कोई खत्म कर दिया गया तो छात्र नेता आगे बढ़ ही नहीं पाएंगे और वही परिवारवाद की स्थिति बनी रहेगी बहुत से भाजपा नेताओं ने भी बताया कि मुख्यमंत्री जी ने यह फैसला आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अपनी गद्दी छीनने के दर से लिया है | उन्होंने यह भी कहा की चाहे मुख्यमंत्री जी अब कोई भी फैसला लेले सरकार तो उनकी जानी निश्चित है |
अब चाहे वह छात्र संघ चुनाव करवाएं या ना करवाएं इसी बीच सचिन पायलट ने भी मीडिया के माध्यम से स्पष्ट उत्तर नहीं देते हुए मुख्यमंत्री जी का पक्ष लिया क्योंकि उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस कमेटी के अंदर शामिल किया गया है तो इस प्रकार के किसी भी विरोधाभास भरी बातों से बचना चाहते हैं इसीलिए उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी भी प्रकार का नकारात्मक जवाब ना देते हुए इस फैसले को सही बताया |
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