crossorigin="anonymous">

ISRO ने बड़ी सफलता हासिल की है. Chandrayaan-3 ने चांद का ऑर्बिट पकड़ लिया है

ISRO ने बड़ी सफलता हासिल की है. Chandrayaan-3 ने चांद का ऑर्बिट पकड़ लिया है

चंद्रयान करीब 166 km x 18 हजार km की ऑर्बिट में यात्रा कर रहा है. ये चंद्रमा का ऑर्बिट है. इसके बाद अगला बड़ा दिन 17 अगस्त होगा. जब चंद्रयान-3 प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होगा. इसके बाद सिर्फ लैंडिंग बाकी रहेगी.

यह भी पढ़ें :-महिलाओं को भूलकर भी नहीं करने चाहिए ये 5 काम वरना उठाना पड़ सकता है भारी नुक़सानhttps://youtu.be/HZreGWLUWX0

धरती से चांद तक की यात्रा

चंद्रयान-3 ने धरती से चांद तक की यात्रा में दो-तिहाई से ज्यादा दूरी पूरी कर ली है। शनिवार को शाम 7 बजे चंद्रयान-3 को चांद के ऑर्बिट में पहुंचाया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (ISRO) के मुताबिक, स्पेसक्राफ्ट की सेहत एकदम सही है। सब कुछ ठीक तरह से काम कर रहा है।

चंद्रयान-3 आज शाम करीब 7 बजे चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा। इस प्रक्रिया को लूनर ऑर्बिट इंजेक्‍शन (LOI) कहते हैं। इससे पहले चंद्रयान-3 ने धरती की ऑर्बिट के पांच चक्कर लगाए थे, इसके जरिए स्पेसक्राफ्ट को धरती से दूर भेजा जा रहा था। अब शनिवार से यह चांद के चक्कर लगाता हुआ इसके पास पहुंचेगा। अनुमान सही बैठा तो 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े हर अपडेट के लिए बने रहें एनबीटी ऑनलाइन के साथ।

यह भी पढ़ें :-कंप्यूटर प्रयोग करने वालों या कंप्यूटर पर काम करने वाले के लिए हेल्थ टिप्सhttps://pgsnews.com/%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%82%e0%a4%9f%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97/

37,200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार

चंद्रयान अभी करीब 37,200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चांद की ओर बढ़ रहा है। चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद यह उसकी सतह से लगभग 40 हजार किलोमीटर दूर रह जाएगा। अंतरिक्ष एजेंसी पूर्व में बता चुकी है कि भारत के तीसरे चंद्र मिशन की स्थिति पूरी तरह सामान्य है और 23 अगस्त को चांद की सतह पर इसकी सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया जाएगा।

यह भी पढ़ें :- होंगे राजस्थान में 50 जिले, यहां देखें आप किस जिले में आ गएhttps://pgsnews.com/rajasthan-districts-news/

इस रास्ते पर जारी चंद्रयान-3 की सफलता की संभावना है

इसरो के सूत्रों के अनुसार, जिन देशों और अंतरिक्ष एजेंसियों ने सीधे चंद्रमा की ओर जाकर स्पेसक्राफ्ट भेजा है, उन्हें आमतौर पर सफलता प्राप्त नहीं हुई है. इसलिए इसरो ने विशेष तरीके से चुनी हुई रणनीति और प्रक्रिया का पालन किया है, जिससे उन्हें सफलता की उम्मीद है. चंद्रयान-3 के लिए यह संभावना है कि अगर वह चंद्रमा से आगे भी निकल जाता है तो वह वापस पृथ्वी की कक्षा में लौटकर आएगा और दोबारा अपने मिशन को पूरा करेगा.

Share This Article
3 Comments
Exit mobile version