“SI भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर हनुमान बेनीवाल करेंगे विशाल प्रदर्शन, SOG पर गंभीर आरोप”
हनुमान बेनीवाल ने SI भर्ती परीक्षा के पेपर लीक विवाद को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए और कहा कि इस घटना की सही जांच नहीं हो रही है। साथ ही, बेनीवाल ने SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की जांच प्रक्रिया पर भी शंका जाहिर की और आरोप लगाया कि यह मामला ठीक से नहीं सुलझाया जा रहा है। उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े कुछ नेता, जो पेपर लीक में शामिल थे, अब तक गिरफ्तार नहीं किए गए हैं, जिससे साफ पता चलता है कि मामले को जानबूझकर दबाने की कोशिश की जा रही है।
Rajastha Police subinspector
Recruitment:राजस्थान में 2021 की SI भर्ती परीक्षा को रद्द करने को लेकर अब तक भजनलाल सरकार ने कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया है। इस बीच, एसआई भर्ती से जुड़ी जांच एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) द्वारा अभी भी जारी है। हालांकि, राजनीतिक नेता हनुमान बेनीवाल ने इस मामले पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका अगला बड़ा लक्ष्य SI भर्ती परीक्षा को रद्द कराना है। बेनीवाल ने कहा कि अगर सरकार इस मामले में गंभीर कदम नहीं उठाती है, तो वह अपने समर्थकों के साथ सड़कों पर उतरकर व्यापक आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।
बेनीवाल ने इस परीक्षा को पूरी तरह से धोखाधड़ी से भरा हुआ बताया और आरोप लगाया कि इसमें 80 प्रतिशत भर्तियां अवैध तरीके से की गई हैं। उनका कहना है कि इस भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है, जिसे सरकार ने जानबूझकर नजरअंदाज किया। इस आरोप के बाद, बेनीवाल ने सरकार से इस भर्ती परीक्षा को तुरंत रद्द करने की मांग की है, ताकि उन युवाओं के अधिकारों की रक्षा की जा सके जिन्होंने इस प्रक्रिया में ईमानदारी से हिस्सा लिया।
हनुमान बेनीवाल का यह बयान इस बात का संकेत है कि राज्य में यह मामला अब एक बड़े राजनीतिक संघर्ष का रूप ले सकता है, और अगर सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, तो इस मुद्दे पर और विरोध प्रदर्शन बढ़ सकते हैं।
हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान पुलिस द्वारा आयोजित SI भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को घेरा है। उन्होंने सीएम पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस गंभीर मुद्दे पर कार्रवाई करने में नाकाम रही है और इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। बेनीवाल ने विशेष रूप से SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की जांच पर भी सवाल उठाए और इसे निष्पक्ष नहीं बताया। उनका कहना है कि SOG ने जानबूझकर कई महत्वपूर्ण पहलुओं को नजरअंदाज किया है और केवल कुछ छोटी-मोटी गिरफ्तारियां करके मामले की गंभीरता को कम करने की कोशिश की है।
बेनीवाल ने दावा किया कि SOG ने केवल एक प्रशिक्षु SI को गिरफ्तार किया है, जबकि पेपर लीक में शामिल असली दोषियों को बचा लिया है। उन्होंने कहा कि SOG ने उन लोगों को छोड़ दिया है जो इस घोटाले में सीधे तौर पर शामिल थे, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो दोषियों के साथी थे और पेपर लीक में मदद कर रहे थे। हैरान करने वाली बात यह है कि SOG ने उन फर्जी उम्मीदवारों के परिवार के सदस्यों—जिन्हें पेपर लीक करने का संलिप्तता का आरोप था—को भी गिरफ्तार नहीं किया।
इसके अलावा, बेनीवाल ने विशेष तौर पर कांग्रेस के नेताओं पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कई कांग्रेस नेता इस पूरे पेपर लीक मामले में शामिल हैं, लेकिन उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर दर्शाता है कि राज्य सरकार और जांच एजेंसियां इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करने के बजाय साजिशों के तहत इसे दबाने की कोशिश कर रही हैं।
बेनीवाल ने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार और SOG इस मामले की निष्पक्ष और पूरी तरह से जांच नहीं करते, तो वह इस मुद्दे पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और आंदोलन का रुख अपनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने अपना वादा पूरा नहीं किया।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि BJP ने चुनावी प्रचार के दौरान एक बड़ा वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो वे एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करेंगे और इसके साथ ही सभी पेपर लीक मामलों की जांच सीबीआई से कराएंगे। लेकिन जब सरकार बनी, तो न तो एसआई भर्ती परीक्षा रद्द की गई और न ही इन पेपर लीक मामलों की CBIजांच शुरू हुई। बेनीवाल ने आरोप लगाया कि अगर सीबीआई इन मामलों की जांच करती, तो सारी सच्चाई सामने आ जाती और दोषी बेनकाब हो जाते।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यह वादा किया था कि राजस्थान पुलिस सेवा (RPS) परीक्षा को भी रद्द कर दिया जाएगा, लेकिन इस पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बेनीवाल ने मुख्यमंत्री के इन वादों को खाली वादे करार देते हुए कहा कि सरकार ने न तो किसी मामले की सही तरीके से जांच की और न ही इन वादों को पूरा किया, जिससे जनता में विश्वास का संकट पैदा हो गया है।
RPL अब सड़कों पर उतरने का निर्णय लेगी।
हनुमान बेनीवाल ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का रुख हमेशा से ही SI परीक्षा को रद्द करने के पक्ष में रहा है, और अब इस मुद्दे पर वे सड़क पर उतरने का फैसला कर चुके हैं। बेनीवाल ने घोषणा की कि वे 23 नवंबर से आंदोलन की शुरुआत करेंगे और इसके तहत बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना था कि सरकार की नीयत पर सवाल उठते हैं, क्योंकि इस पेपर लीक मामले को लेकर राज्य सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
इसके अलावा, बेनीवाल ने यह भी बताया कि संसद के आगामी सत्र में वह इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएंगे। उनका उद्देश्य प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को यह याद दिलाना है कि राजस्थान में पेपर लीक से जुड़े मामलों पर जो वादे किए गए थे, उन्हें लागू नहीं किया गया। बेनीवाल ने कहा कि यह मामला अब केवल राज्य सरकार का नहीं, बल्कि केंद्रीय सरकार का भी है, और उन्हें इस पर जल्द कार्रवाई करनी चाहिए
कोर्ट के स्थगन आदेश के कारण फील्ड पोस्टिंग और पासिंग आउट परेड पर संकट मंडरा रहा है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती परीक्षा से संबंधित मामले में एक महत्वपूर्ण स्थगन आदेश जारी किया है। इस फैसले के बारे में अधिवक्ता हरेंद्र नील ने बताया कि कैलाश चंद शर्मा और अन्य अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की थी। ये वही अभ्यर्थी हैं जिन्होंने 2021 में आयोजित लिखित परीक्षा में भाग लिया था, जो 13 सितंबर 2021 से 15 सितंबर 2021 तक आयोजित हुई थी। हालांकि, परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक कई तरह के धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के मामले सामने आए, जिसके कारण ये अभ्यर्थी चयनित नहीं हो पाए थे।
वकील ने आगे बताया कि इसके बाद स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की और अब तक 150 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कोर्ट ने इस पूरे मामले पर गौर करते हुए एक स्थगन आदेश जारी किया है, जिसका असर उन अभ्यर्थियों पर पड़ेगा जिनकी फील्ड पोस्टिंग होनी थी और जिनकी पासिंग आउट परेड भी निर्धारित थी। अब इस आदेश के बाद उन अभ्यर्थियों के लिए आगे का रास्ता स्पष्ट नहीं है और उनकी नियुक्ति पर अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
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