Chandrayaan-3 ने भेजी भयानक फोटो देख अमेरिका और चीन भी हिल गए
Chandrayaan-3
दोस्तों भारत का चंद्रयान तीन दहाड़ मारता हुआ चांद की ओर बढ़ रहा है चंद्रयान-3 के दहाड़ से नासा और चीन भी घबराए हुए हैं अभी चंद्रयान-3 ने चांद की ऐसी भयानक तस्वीर वहां से भेजी है जिसके अंदर बहुत ही अजीब चीज नजर आई है जिसे देखने के बाद वैज्ञानिक भी हैरान हो चुके हैं तस्वीर के बारे में पूरी जानकारी के लिए इस न्यूज़ को अंत तक जरूर पढ़े चंद्रयान जब से चंद्रमा की कक्षा में गया है तब से लगातार वहां से रहस्यमय खुला से कर रहा है |
सबसे पहले तो चांद के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद उसने वहां से पहला मैसेज भेजा कि मैं चंद्रयान 3 हूं और मैं चांद की कक्षा में पहुंच गया हूं और मुझे चांद का गुरुत्वाकर्षण महसूस हो रहा है | यह मैसेज इसरो के हेडक्वार्टर में बैठे वैज्ञानिकों के चेहरे पर खुशियां ला रहा है लेकिन चंद्रयान-3 ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया हैअभी चंद्रयान तीन की नई ताजा तस्वीरें पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है chandrayaan-3 को चांद के नजदीक जाने में जो मुश्किल पड़ाव सामने थे उन सभी को बड़ी आसानी से पार कर लिया है |
अब आपके दिमाग में यह सवाल आ रहा होगा या फिर उन तस्वीरों में ऐसा क्या नजर आया और अभी चांद के कितना नजदीक पहुंच गया है यह सब आज की इस न्यूज़ में बताएंगे दोस्तों चांद पर जाने की यह वैज्ञानिकों की हॉट अभी शुरू नहीं हुई है बल्कि जब से अमेरिका ने चांद पर इंसान को उतारा था उस समय भी रसिया से अमेरिका की होड़ लग गई थी |
लेकिन आज तक जितने भी इंसान चांद पर गए थे उनमें से किसी ने भी चांद के दक्षिण वाले इलाके में जाने के बारे में सोचा भी नहीं था लेकिन चंद्रयान 3 ने चांद पर उतरने से पहले ही दुनिया के वैज्ञानिकों को हैरान करना शुरू कर दिया था लेकिन भारत के इस मुसाफिर ने तो उतरने से पहले ही कमाल कर दिया अभी हाल फिलहाल की ताजा अपडेट के बारे में बात करें तो इसरो ने जानकारी देते हुए बताया है की चांद के बहुत ज्यादा नजदीक अभी चांद के तीसरे राउंड में चंद्रयान-3 चक्कर लगा रहा है जहां पर उसकी सबसे नजदीकी दूरी 174 किलोमीटर है |
और सबसे दूर की दूरी 1437 किलोमीटर है जब चंद्रयान तीन चांद को अपनी मुट्ठी में कर लेगा 14 तारीख तक तो यह इसी कक्षा में चक्कर लेकिन 14 अगस्त के दिन में दोपहर 11:30 से 12:00 के बीच अगली कक्षा में प्रवेश कर जाएगा लेकिन जैसे-जैसे chandrayaan-3 चांद के नजदीक आता जा रहा है वैसे वैसे वैज्ञानिकों की धड़कनें बढ़ रही है क्योंकि इस मिशन का सबसे मुश्किल पड़ाव की चांदकी जमीन पर सही सलामत सही सलामत रखना है उसके बाद अजीब लोग 16 अगस्त के दिन की राह देख रहे हैं |
यह दिन हम सबके लिए बहुत ज्यादा स्पेशल होने वाला इंसान अपने मकसद के आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुका होगा दरअसल यही वह दिन होगा जिस दिन इस का पर पॉलसन इसके विक्रम लैंडर से अलग हो जाएगा आपके दिमाग में यह सवाल चल रहा होगा की वैज्ञानिक इस काम को किस प्रकार से करते हैं परंतु वैज्ञानिक इसे बड़े ही चालाकी और कुशलता के साथ करते हैं |
और प्रोपल्शन और विक्रम लैंडर अलग होने के बाद एक की स्पीड में स्थिरता बनी रहेगी और दूसरे की स्पीड को धीरे-धीरे कम कर दिया जाएगा ताकि जब वह चांद की सतह पर लैंड करें तो उसे किसी प्रकार की क्षति न पहुंचे और वह आराम से चांद की सतह पर लैंड कर जाए तथा इस चंद्रयान के अंदर वैज्ञानिकों ने एक हाइड टेंशन लेजर लाइट भी लगाइए |
वह लेजर लाइट chandrayaan-3 के चारों ओर की लोकेशन को एक्शन सर के द्वारा चेक करता है की आस पास में कोई बड़े गड्ढे वगैरा तो नहीं है | ताकि जिससे इसको लैंड करने में सहायता मिले अमेरिका और रशिया जैसे देशों ने जब भी संत चांद पर अपनी सेटेलाइट वगैरा भेजी है तब उन्होंने ऑर्बिट के चारों ओर घुमाने की वजह सीधा चांद पर लैंड करवाया जिससे कि उनका मिशन कभी भी सफल नहीं हो पाया |
भारत ने उस तरीके को न अपनाकर ऑर्बिट के सहारे चंद्रयान 3 को चांद के निकट पहुंचाया और यह 16 तारीख को चांद की सतह पर लैंड कर जाएगा और भारत दुनिया के सामने अपने आप को मजबूती से पेश करेगा और भारत भी दुनिया के अंदर एक नई मिसाल कायम कर लेगा कि उसके वैज्ञानिक भी दुनिया के वैज्ञानिकों से कम नहीं है और भारत चांद के दक्षिण हिस्से में सफलतापूर्वक लैंड करने वाला पहला देश बन जाएगा |
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