दोपहर 3:30 के बाद करनी है Earnings बिना Crypto Trading के ये हैं Best Option
Smartest Trading Opportunity: भारतीय शेयर बाजार सुबह 9:15 बजे खुलता है और दोपहर 3:30 बजे बंद हो जाता है। इस समय के बाद कई निवेशकों को कमाई के सीमित रास्ते ही दिखाई देते हैं, जिस वजह से वे अक्सर क्रिप्टोकरेंसी जैसे जोखिम भरे विकल्पों की ओर बढ़ते हैं। लेकिन अब ऐसा करने की जरूरत नहीं है। मार्केट बंद होने के बाद भी निवेश और ट्रेडिंग का एक शानदार मौका मौजूद है – अमेरिकी शेयर बाजार।
अमेरिकी मार्केट क्यों है निवेश के लिए समझदारी भरा चुनाव?
अमेरिकी शेयर बाजार, जैसे न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) और नैस्डैक, भारतीय समयानुसार गर्मियों में शाम 7 बजे और सर्दियों में रात 8 बजे खुलते हैं। ये बाजार क्रमशः रात 1:30 या 2:30 बजे तक खुले रहते हैं। इसका फायदा यह है कि भारतीय निवेशक अपने दिन भर के काम निपटाने के बाद भी आसानी से इन बाजारों में ट्रेडिंग कर सकते हैं और अतिरिक्त कमाई का अवसर पा सकते हैं। इसके अलावा, अमेरिकी शेयर बाजारों का सालाना रिटर्न अन्य वैश्विक बाजारों की तुलना में बेहतर रहा है, जिससे यहां निवेश करने की संभावनाएं अधिक मजबूत हो जाती हैं।
ट्रेडिंग करने के लिए किन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करें?
आज भारत में कई ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म मौजूद हैं जो भारतीय निवेशकों को अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश और ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करते हैं। INDmoney ऐप के माध्यम से आप अमेरिकी स्टॉक्स में आसानी से SIP, लंपसम या फ्रैक्शनल शेयर्स के रूप में निवेश कर सकते हैं। वहीं, Vested एक जाना-माना प्लेटफॉर्म है जो कम चार्ज और यूज़र-फ्रेंडली इंटरफेस के साथ यूएस स्टॉक्स में इन्वेस्ट करने का बेहतरीन विकल्प देता है।
ईटीएफ एक और बेहतरीन विकल्प है
अगर आप चाहें तो ईटीएफ के माध्यम से भी अमेरिकी बाजार में निवेश किया जा सकता है। वहीं, Groww जैसे प्लेटफॉर्म पर इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड्स के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से यूएस मार्केट में पैसा लगाने का विकल्प मिलता है। इसे आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के तौर पर अपनाकर अच्छी ग्रोथ की उम्मीद कर सकते हैं। साथ ही, अमेरिकी बाजार के खुलने और बंद होने के बाद आने वाले उतार-चढ़ाव पर नजर रखकर आप अपने निवेश को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं।
निवेश करते वक्त ये बातें ध्यान में रखें
अमेरिकी बाजार में निवेश करते वक्त विदेशी मुद्रा दर (USD-INR), टैक्स और ब्रोकरेज शुल्क पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत, प्रत्येक भारतीय नागरिक को हर वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख डॉलर तक विदेशों में निवेश करने की अनुमति होती है।
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