crossorigin="anonymous">

क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़ा फैन कौन है, कौन है सुधीर? जो हर मैच में रहता है

क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़ा फैन कौन है, कौन है सुधीर? जो हर मैच में रहता है

बात उस शख्स की, जिसे 2011 वर्ल्ड कप जीतकर सचिन ने ड्रेसिंग रूम बुलाया था और ट्रॉफी सौंप दी थी। आज कहानी क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े फैन सुधीर की। आपको लगता होगा कि इसकी जिंदगी सबसे अच्छी है। हर मैच स्टेडियम में बैठकर देखता है और जिंदगी के मजे उठाता है। पर सच दूसरा है।

सुधीर सचिन तेंदुलकर के बहुत बड़े फैन हैं। कोई भी फैन सुधीर से बड़ा नहीं हो सकता। जो जिंदगी सुधीर आज जी रहा है, उसके लिए वो 3 नौकरियां छोड़ चुका है। सबसे पहले सुधीर मुजफ्फरपुर, बिहार की सुधा डेयरी में काम करता था। जहां वो कलाकंद से लेकर खोया तक सब कुछ बनाने में एक्सपर्ट था।

उसने वो नौकरी छोड़ी और पैसे इकट्ठे करके पासपोर्ट बनवाया ताकि वो इंडियन टीम के साथ विदेश जा सके। उसके बाद सुधीर ने शिक्षा मित्र में काम किया। ये दूसरी नौकरी फुल टाइम नहीं थी, इसलिए उसे इंडिया का हर मैच देखने का मौका मिल ही जाता था।

शिक्षामित्र वाले जॉब से रिलेटेड एक ट्रेनिंग थी फरवरी 2004 में, पर सुधीर जनवरी में ही अपनी साइकिल उठा कर पाकिस्तान चला गया। फिर साल 2005 में फिजिकल टेस्ट और प्रिलिमिनरी एग्जाम पास करने के बाद उसे इंडियन रेलवे में एक टिकट कलेक्टर की जॉब मिली।

पोस्टिंग थी लाल गोंडा, हैदराबाद में। लेकिन जब इंटरव्यू का बुलावा आया, तो सुधीर को लगा कि दिल्ली में इंडिया-पाकिस्तान का छठा वनडे मैच मिस हो जाएगा। तो आखिरकार उसने इंटरव्यू का लेटर ही फाड़ दिया। साल 2003 में इंडिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की ट्राई-सीरीज में 1 नवंबर को इंडिया-ऑस्ट्रेलिया का मैच होना था।

तब सुधीर 8 अक्टूबर को अपने घर से मुंबई के लिए निकले। मुंबई 24 अक्टूबर को पहुंचा, जिस दिन दिवाली थी। एक पूरा दिन घूमते-घूमते सचिन का घर तलाशता रहा। अब आप ही बताइए सचिन के घर तक पहुंच जाना इतना आसान है क्या भला। सुधीर की दिवाली तभी सार्थक होती, जब वह अपने आराध्य सचिन से मिलता।

कुछ पत्रकारों ने सुधीर को बताया कि सचिन उसी दिन ट्राइडेंट होटल में इवेंट में आने वाले थे। वो वहां अपनी साइकिल के साथ उनका इंतजार करता रहा। सचिन के आने पर वो भीड़ और सिक्योरिटी को चीरता हुआ सचिन की तरफ भागा। वहां उसने पहली बार सचिन के पैर छुए। सचिन ने वहीं उसे अपने घर आने का न्योता दिया।

यह पहली बार था, जब सचिन तेंदुलकर ने अपने सबसे बड़े फैन को देखा था। 29 अक्टूबर को जब वो सचिन से मिलने पहुंचा तो सचिन ने ना सिर्फ उसे खाना खिलाया, बल्कि अगले वन डे मैच का पास भी दिया। सुधीर के लिए यह सब किसी सपने सरीखा था।

अगली बार जब सुधीर की सचिन से मुलाकात हुई, तब सुधीर के ग्रेजुएशन एग्जाम होने वाले थे। सचिन ने उसे एग्जाम देकर वापस आने को कहा। लेकिन तब कटक में न्यूजीलैंड के साथ इंडिया का वन डे मैच होना था। सुधीर सोचा कि एग्जाम तो वो कभी भी दे सकता है, इसलिए वो मैच देखने चला गया।

न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया की हालत काफी खराब थी। जब सचिन बल्लेबाजी कर रहे थे, तो सुधीर ग्राउंड में उनके पैर छूने भागा। वहां उसे पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन सचिन ने फिर उसे छुड़वाया। इसके बाद हैदराबाद के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में हुए मैच में इंडियन टीम का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा, और सचिन ने वहां शतक भी ठोका।

पिछली बार सचिन ने उसे ग्राउंड में ऐसे भाग कर आने को मन किया था, लेकिन सचिन कि परफॉरमेंस देख कर उत्साहित सुधीर फिर से ग्राउंड में भागा। इस बार पुलिस ने उसे सिकंदराबाद थाने में डाल दिया। अबकी बार सुधीर को छूटने में काफी मुश्किल हुई। सुधीर की फैमिली ने कई बार चाहा कि उसकी शादी हो जाए।

लेकिन सुधीर का मानना है कि क्योंकि उसके पास कोई जॉब नहीं है और कोई ठिकाना नहीं है, इसलिए वो शादी नहीं कर सकता। अगर वह शादी कर लेगा, तो लड़की की जिंदगी खराब हो जाएगी।

सिर्फ इसलिए कि सुधीर इंडिया के किसी न किसी मैच में बिजी रहा, वो अपने छोटे भाई और बहन की शादी में भी शामिल नहीं हो पाया। इसके अलावा रक्षाबंधन पर जब बहन बुलाती है, तब भी सुधीर इंडियन टीम के मैच की वजह से नहीं जा पाता।

आज भी सुधीर का घर बेहद जर्जर हालत में है। छत से पानी टपकता है और डर सताता रहता है, पता नहीं कब ढह जाए। रेडियो और टीवी वाले उसके वर्ल्ड कप मैच का खर्च स्पॉन्सर करते हैं। बदले में वह उनके लिए प्रोग्राम करता है।

सुधीर अपने लिए कोई पैसे नहीं मांगता। उसका कहना है कि मैं पैसों के लिए क्रिकेट फैन नहीं बना। 2011 वर्ल्ड कप जीतने के बाद सुधीर एक बार ट्रेन से कोलकाता जा रहा था। रास्ते में टीटी ने पकड़ लिया।

जब सुधीर ने अपने और सचिन के रिश्तों के बारे में बताया, तब टीटी ने सुधीर को छोड़ दिया। पर कहा कि तुम बिना टिकट यात्रा करके सचिन का नाम खराब कर रहे हो। इसके के बाद से सुधीर हमेशा टिकट लेकर ही ट्रैवल करता है। आज भी सचिन हर महीने सुधीर से मुलाकात करते हैं

यह भी पढे:

कौन है आईएएस सृष्टि जयंत देशमुख, सृष्टि जयंत देशमुख जीवन परिचय

नवजात बच्चों को खाना खिलाना कब शुरू करें, When to start feeding newborn babies

भूतनी से हुआ प्यार || भूत वाली कहानी

सचिन और सुधीर दोनों एक साथ
Share This Article
1 Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version